उसका रेजर मेरी गर्दन तक पहुंचा… जेल में कैसे एक डबल मर्डर वाला बना नाई? संजय दत्त ने सुनाया मजेदार किस्सा

Sachin Singh
Written by: Sachin Singh

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Sanjay Dutt Jail Story: बॉलीवुड के बाबा यानी संजय दत्त का जीवन फिल्मों से ज्यादा फिल्मी है. कभी ‘मुन्ना भाई MBBS’ तो कभी ‘कांटे’ वाला लुक, लेकिन असली ट्विस्ट तब आया जब 1993 में उन्हें TADA के तहत हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि बाद में उन्हें आतंकवाद के आरोप से बरी कर दिया गया, लेकिन गैर-कानूनी हथियार रखने के केस में जेल की हवा ज़रूर खानी पड़ी.

पहले 1994-95 में और फिर 2013-15 तक, कुल मिलाकर बाबा ने करीब 5 साल जेल में काटे.

जेल में बने RJ बाबा!

हाल ही में The Great Indian Kapil Show (Netflix) पर संजू बाबा ने अपनी जेल लाइफ के मजेदार किस्से शेयर किए. उन्होंने बताया कि जेल में उन्होंने कुर्सियां बनाईं, पेपर बैग बनाए, और इसके बदले में पैसा भी कमाया.

इतना ही नहीं, बाबा ने तो जेल के भीतर ही एक रेडियो चैनल ‘Radio YCP’ शुरू कर दिया. ये रेडियो सिर्फ कैदियों के लिए बजता था. बाबा खुद RJ बनकर शो होस्ट करते थे और बाकी कैदी उनके स्क्रिप्ट राइटर.

और तो और, दत्त साहब ने जेल थिएटर ग्रुप भी बनाया. जी हां! जहां मर्डर के केस में बंद कैदी उनके लिए स्टेज पर एक्टिंग करते थे और वो खुद डायरेक्टर बन जाते थे.

जब डबल मर्डर वाला बना नाई!

संजय दत्त ने एक डरावना मगर मजेदार किस्सा भी सुनाया. उन्होंने कहा, ‘जेल में मेरी बड़ी दाढ़ी हो गई थी. सुपरिटेंडेंट ने एक दिन कहा – शेव करा लो. इसके लिए उन्होंने मिश्रा जी नाम के कैदी को भेजा. जैसे ही उन्होंने उस्तरा निकाला, मैंने पूछ लिया – भाई कितने साल से जेल में हो? तो बोले – 15 साल. फिर मैंने पूछा – किस जुर्म में? तो आराम से बोले – डबल मर्डर.’

संजय दत्त ने आगे कहा, ‘उस वक्त उस्तरा मेरी गर्दन तक आ चुका था, मैंने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया. सोचिए, डबल मर्डर वाला कैदी मेरे गले पर उस्तरा चला रहा था… ये तो जेल में आम बात थी.’

बात वर्क फ्रंट की

जेल की कहानियों के बाद अब फिल्मों पर लौटते हैं. संजय दत्त की हालिया फिल्म ‘बागी 4’ (5 सितंबर को रिलीज़) सिनेमाघरों में आ चुकी है. फिल्म में उनके साथ टाइगर श्रॉफ, सोनम बाजवा और मिस यूनिवर्स हरनाज़ संधू (उनकी बॉलीवुड डेब्यू) भी नज़र आईं. फिल्म को ऑडियंस से मिक्स रिव्यू मिले हैं.

कुल मिलाकर, जेल ने बाबा को रेडियो जॉकी, थिएटर डायरेक्टर और बढ़ई बना दिया. अब आप ही सोचिए — इतना टैलेंट तो जेल की हवा खाने के बाद ही बाहर आया या पहले से बाबा में छिपा था?

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सचिन सिंह 4 साल से मीडिया में अपनी सेवा दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ग्राउंड रिपोर्टिंग से लेकर न्यूज कंटेट राइटर के तौर पर काम किया है. वह टेक, ऑटो, एंटरटेनमेंट और इस्पोर्ट्स पर लिखने में रुची रखते हैं.

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