Road Accidents Report in India: भारत में सड़क परिवहन भले ही तेज़ हाइवे और सुरक्षित गाड़ियों के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन सड़क हादसे आज भी बड़ी चिंता का कारण बने हुए हैं.
तमाम सुरक्षा अभियान और जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. खासकर 18 से 40 साल की उम्र के युवाओं में हादसों की संख्या सबसे ज़्यादा है, जिससे परिवारों के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर असर पड़ रहा है.
2023 का चौंकाने वाला आंकड़ा
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ‘रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया-2023’ रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में पूरे देश में कुल 4.8 लाख सड़क हादसे हुए. इन हादसों में करीब 1.72 लाख लोगों की मौत हो गई, जबकि 4.62 लाख से ज़्यादा लोग घायल हुए.
पिछले साल की तुलना में सड़क हादसों में 4.2% की बढ़ोतरी और मौतों में 2.6% की वृद्धि दर्ज की गई है.
सबसे ज़्यादा जानें किसकी गईं?
रिपोर्ट बताती है कि सड़क पर चलने वाले आम लोग यानी पैदल यात्री, साइकिल सवार और टू-व्हीलर चालक सबसे बड़े शिकार हैं. 2023 में हुई कुल मौतों में से 68% मौतें इन्हीं श्रेणियों में दर्ज की गईं.
कहां हुए सबसे ज़्यादा हादसे?
- राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पर हादसे: 1,50,177 (कुल हादसों का 31.2%)
- राज्यीय राजमार्ग पर हादसे: 1,05,622 (कुल का 22.0%)
- अन्य सड़कों पर हादसे: 2,24,744 (कुल का 46.8%)
राज्यों की बात करें तो तमिलनाडु ने 2023 में सबसे ज़्यादा सड़क हादसे दर्ज किए. वहीं उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों में सबसे ज़्यादा मौतें हुईं.
हादसों में युवाओं की सबसे बड़ी हिस्सेदारी
यह रिपोर्ट एक और चिंताजनक पहलू उजागर करती है.
- 18 से 45 साल की उम्र वाले युवा: कुल सड़क हादसों के 66.4% पीड़ित
- 18 से 60 साल की उम्र वाले लोग (वर्किंग ऐज ग्रुप): कुल सड़क हादसों में 83.4% मौतें
यानी देश का कामकाजी और युवा वर्ग सड़क हादसों का सबसे बड़ा शिकार बन रहा है.
सरकार की चिंता और आगे की रणनीति
मंत्रालय ने माना है कि ये आंकड़े बेहद गंभीर हैं और सड़क सुरक्षा को लेकर और सख़्त कदम उठाने की ज़रूरत है. सरकार ने आश्वासन दिया है कि सड़क हादसों को कम करने के लिए बड़े और ठोस कदम जल्द उठाए जाएंगे.
साफ है कि भारत में सड़कें तेज़ और गाड़ियां मज़बूत तो हो गई हैं, लेकिन ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और लापरवाह ड्राइविंग आज भी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. सड़क हादसों को रोकने के लिए सिर्फ सरकार ही नहीं, बल्कि हर नागरिक को सतर्क और ज़िम्मेदार बनना होगा.
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