Panchayat Season 4 Review: चुनाव, चालबाज़ी और चाय में डूबी इस बार की कहानी, Phulera बना असली Battleground

Sachin Singh
Written by: Sachin Singh

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Panchayat Season 4 Review: Panchayat Season 4 वहीं से शुरू होती है जहां तीसरा सीज़न थमा था – एक खतरनाक मोड़ पर! Pradhan Ji (रघुबीर यादव) को गोली लग चुकी है, Abhishek Tripathi (जीतेन्द्र कुमार) अपने CAT एग्जाम के लिए निकलने वाला था, लेकिन गांव की राजनीति की कड़वाहट ने एक बार फिर उसकी राह रोक दी.

कहानी में क्या-क्या धमाका है?

इस बार की कहानी में चुनावी बवाल है, सत्ता का नशा है, चालबाज MLA है, दो विरोधी औरतें हैं जो खुद मैदान में उतर चुकी हैं – Manju Devi (नीना गुप्ता) और Kranti Devi (सुनिता राजवार)। और इन सबके बीच फंसा है बेचारा Abhishek – जो CAT के सपनों और Phulera की सच्चाई के बीच झूल रहा है.

MLA और Bhushan (दुर्गेश कुमार) अपनी साजिशों में लगे हैं, Pradhan Ji का एक पुराना केस अब भी उनके सिर पर लटक रहा है. वही केस जो Pradhan Ji के हाथ में आखिरी दांव है गांव की राजनीति को कंट्रोल करने का.

Abhishek का CAT एग्जाम निकल गया लेकिन Bhushan के खिलाफ थप्पड़ कांड ने उसकी मुसीबत बढ़ा दी है. Bhushan अब शर्त रखता है कि अगर Abhishek चाहता है कि केस वापिस हो जाए, तो उसे Pradhan Ji को भी मनाना होगा कि MLA का नाम केस से हट जाए.

लेकिन…Abhishek अब बदल चुका है. वो जानता है कि अगर Pradhan Ji केस वापिस लेते हैं तो Phulera पर MLA का राज होगा. इसलिए वो Pradhan Ji को मना करने से रोकता है.

दूसरी तरफ Manju Devi और Kranti Devi के चुनावी कैंपेन में रिश्वत, झूठ और जुगाड़ का ज़ोर है. गांव के लोग बटे हुए हैं. Prahlad (Faisal Malik) अब भी अकेलेपन से जूझ रहा है.

Vikas (Chandan Roy) अपनी पुरानी मस्ती में गांव का माहौल हल्का करता है. Abhishek और Rinki के रिश्ते में भी अब मिठास है, जो इस सीजन को और रंगीन बनाती है.

आखिर चुनाव कौन जीतता है? Pradhan Ji पर हमला किसने कराया था? Abhishek का CAT क्या हुआ? Rinki-Abhishek का रिश्ता आगे बढ़ा या नहीं? जानने के लिए देखिए पूरी Panchayat Season 4 – जहां गांव का हर नुक्कड़, हर किरदार अपना दिल दिखाता है.

क्या जमता है इस सीज़न में?

  • Phulera का देसी तड़का: गांव की सादगी, छोटे-छोटे झगड़े, बड़ी-बड़ी चालें – सब कुछ वैसा ही असली जैसा पिछले सीज़न में.
  • Jitendra Kumar का कमाल: उनके चेहरे की मासूमियत और तंज भरी मुस्कान – दोनों ही परफेक्ट.
  • Manju Devi का नया अवतार: इस बार वो पूरी ताक़त से चुनाव लड़ रही हैं और इसमें उनका दम दिखता है.
  • Prahlad का अकेलापन: दिल छू जाता है. उनकी कहानी इस सीजन को भावुक बना देती है.
  • भूषण की चालबाज़ी: ऐसा विलेन जो कहानी को मज़ेदार बनाए रखता है.
  • Vikas की मस्ती: वो जैसे गांव का ‘ह्यूमर बूस्टर’ है.
  • संगीत, कैमरा, डायलॉग: सब शानदार… पंचायत का बैकग्राउंड थीम आज भी उतना ही सुकून भरा है.

क्या खटकता है इस बार?

शुरुआत थोड़ी धीमी लगती है, कहानी देर से पकड़ में आती है. चुनावी प्लॉट पिछली सीजन जैसा ही है. ट्विस्ट कम हैं. ह्यूमर कम, ड्रामा ज्यादा… पंचायत की सबसे बड़ी ताक़त उसकी हल्की-फुल्की मस्ती थी, जो इस बार कम हो गई है. Abhishek का संघर्ष वहीं अटका यानी कि MBA के सपनों को लेकर वो अब भी confused है, उसका ग्राफ कुछ नया नहीं कहता.

मज़ा तो है लेकिन कम झटके के साथ

कुल मिलाकर Panchayat Season 4 पुराने फ्लेवर में नए चुनावी तड़के के साथ लौटी है. मज़ा तो है लेकिन झटका कम है. ड्रामा भारी है, कॉमेडी थोड़ी हल्की. लेकिन Phulera का देसीपन, किरदारों की मासूमियत और सीधी-सच्ची कहानी अब भी दिल जीतती है.

जो लोग गांव की गर्म मिट्टी की खुशबू पसंद करते हैं, वो इस सीजन को मिस नहीं कर सकते. ये शो वैसे ही अपने अंदाज में सुकून देता है जैसे गांव की दोपहर में पीपे की ठंडी लस्सी.

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Sachin Singh

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सचिन सिंह 4 साल से मीडिया में अपनी सेवा दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ग्राउंड रिपोर्टिंग से लेकर न्यूज कंटेट राइटर के तौर पर काम किया है. वह टेक, ऑटो, एंटरटेनमेंट और इस्पोर्ट्स पर लिखने में रुची रखते हैं.

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