Mahesh Bhatt Struggle Journey: मुंबई की चकाचौंध भरी दुनिया में जब आज महेश भट्ट का नाम लिया जाता है तो लोग उन्हें सिर्फ एक डायरेक्टर नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा के असली कहानीकार के रूप में याद करते हैं. 20 सितंबर को 77 साल के हो चुके महेश भट्ट की जिंदगी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं रही.
कभी जेब में पैसे न होने के कारण एयर फ्रेशनर बेचना पड़ा, तो कभी घर चलाने के लिए छोटे-मोटे काम करने पड़े. लेकिन यही संघर्ष उन्हें उस मुकाम तक ले आया जहां से उन्होंने न सिर्फ अपनी पहचान बनाई बल्कि कंगना रनौत, बिपाशा बसु जैसे कई सितारों को भी पहचान दिलाई.
बचपन से जिम्मेदारी का बोझ
महेश भट्ट ने एक इंटरव्यू में बताया था कि बचपन से ही घर की हालत ठीक नहीं थी. पिता को दो घर संभालने पड़ते थे और मां उन्हें हमेशा यही कहतीं – ‘बेटा, पैसे लेकर आना वरना घर मत आना.’ यही वजह थी कि महज 15 साल की उम्र से उन्होंने कमाना शुरू कर दिया था. उस वक्त उनके लिए हर दिन पेट भरने की लड़ाई थी.

एयर फ्रेशनर बेचने से शुरू हुआ सफर
फिल्मों में कदम रखने से पहले महेश भट्ट ने कई छोटे-मोटे काम किए. पेट्रोल पंप पर जाकर एयर फ्रेशनर बेचना, एक दोस्त के साथ कंपनी में काम करना – यही उनका शुरुआती दौर था. लेकिन दिल में हमेशा यह एहसास रहता था कि वह फिल्मों की कहानियां समझ सकते हैं, उन्हें जी सकते हैं.
राज खोसला के असिस्टेंट बने
19 साल की उम्र में उनकी मुलाकात निर्माता-निर्देशक राज खोसला से हुई. एक रिश्तेदार ने उनके लिए बात की और महेश भट्ट को फिल्मों में असिस्टेंट का काम मिल गया. उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि वह डायरेक्टर बनेंगे. उस समय उनका सिर्फ एक ही मकसद था – रोजगार पाना और घर चलाना.
फ्लॉप फिल्मों से मिली सीख
शुरुआती करियर में कई बार उनकी फिल्में फ्लॉप रहीं। प्रोड्यूसर्स ने भी उनसे दूरी बना ली. लेकिन किस्मत ने तब करवट बदली जब प्रोड्यूसर कुलजीत पाल ने उन्हें मौका दिया. महेश भट्ट ने एक कहानी सुनाई, जो स्मिता पाटिल और शबाना आज़मी जैसी बेहतरीन अभिनेत्रियों के साथ बनाई गई और फिल्म सुपरहिट हो गई. यही वह मोड़ था, जहां से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
फिल्म इंडस्ट्री को दिए कई सितारे
महेश भट्ट ने अपने करियर में न सिर्फ हिट फिल्में दीं बल्कि कई नए चेहरों को मौका भी दिया. कंगना रनौत और बिपाशा बसु जैसी एक्ट्रेस को फिल्मों में लाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है. वह मानते हैं कि कहानियां सिर्फ पर्दे पर नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी बदलने की ताकत रखती हैं.
77 साल के हो चुके महेश भट्ट आज भले ही निर्देशन से दूर हों, लेकिन उनकी कहानियां, उनका संघर्ष और उनका काम हमेशा याद किया जाएगा. एयर फ्रेशनर बेचने वाला वह लड़का आज हिंदी सिनेमा का एक अहम नाम है और यही उनकी असली फिल्मी कहानी है.
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