Google’s 27th birthday: कौन हैं रूथ केदार, गूगल के LOGO बनाने के पीछे की दिलचस्प कहानी?

Sachin Singh
Written by: Sachin Singh

Published on:

Follow Us

Google’s 27th birthday: गूगल ने 27 सितंबर 2025 को अपना 27वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया. इस खास मौके पर टेक दिग्गज ने एक स्पेशल डूडल पेश किया, जिसमें कंपनी का 1998 वाला ओरिजिनल डिजाइन फिर से नज़र आया. लेकिन इस बार सुर्खियों में सिर्फ गूगल का सर्च इंजन ही नहीं, बल्कि वो शख्सियत भी है जिसने इस LOGO को पहचान दिलाई – रूथ केदार (Ruth Kedar).

कौन हैं रूथ केदार?

रूथ केदार का जन्म 1955 में ब्राजील के कैंपिनास शहर में हुआ. 16 साल की उम्र में वे अपने परिवार के साथ इज़रायल शिफ्ट हो गईं. नई भाषा और नई संस्कृति को अपनाना आसान नहीं था, लेकिन रूथ को गणित और कला से खास लगाव था.

यही जुनून उन्हें आर्किटेक्चर की पढ़ाई तक ले गया. कुछ साल खुद का स्टूडियो चलाने के बाद उन्होंने अमेरिका का रुख किया और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से डिजाइन में मास्टर्स किया.

स्टैनफोर्ड में पढ़ाई के दौरान उनका बनाया एक कार्ड-डिजाइन प्रोजेक्ट Adobe तक पहुंचा और यही उनके करियर का टर्निंग प्वॉइंट बना. Adobe Illustrator के लिए डेक डिजाइन करने के बाद वे आर्ट डायरेक्टर बनीं और आगे चलकर स्टैनफोर्ड में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहीं.

कैसे बनीं गूगल की लोगो डिजाइनर?

इसी दौरान उनकी मुलाकात दो पीएचडी छात्रों लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन से हुई. ये दोनों मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे जो बाद में पूरी दुनिया का चेहरा बदलने वाला था. उन्होंने रूथ से अपने सर्च इंजन का लोगो बनाने की बात कही. रूथ ने यह काम पूरी गंभीरता से किया और इतिहास रच दिया.

केदार ने कई कॉन्सेप्ट्स पर काम किया। उन्होंने एब्स्ट्रैक्ट सिंबल्स से लेकर अलग-अलग टाइपोग्राफी तक कई प्रयोग किए. आखिरकार, उन्होंने एक ऐसा डिजाइन प्रस्तुत किया जिसमें सादगी, प्राइमरी कलर्स और क्रिएटिविटी का मेल था. खास बात यह थी कि इसमें “L” अक्षर को हरे रंग (सेकेंडरी कलर) से बनाया गया. इसका संकेत था कि गूगल नियमों को मानने वाला नहीं, बल्कि परंपराओं को तोड़ने वाला और सीमाओं से आगे बढ़ने वाला ब्रांड है.

उन्होंने लोगो के लिए Catull टाइपफेस चुना। यह फॉन्ट परंपरागत भी था और आधुनिक भी. इसमें उन्होंने चार मुख्य रंगों लाल, नीला, पीला और हरा का इस्तेमाल किया. ये रंग सिर्फ आकर्षक ही नहीं, बल्कि अनंत संभावनाओं का प्रतीक भी बने. यही डिजाइन आगे चलकर गूगल की पहचान और इंटरनेट की सबसे बड़ी विजुअल आइकॉन बन गई.

गूगल डूडल की नींव

रूथ का बनाया यह लोगो केवल एक लोगोटाइप नहीं रहा, बल्कि यह गूगल की विजुअल आइडेंटिटी की नींव बन गया. इसी ने गूगल डूडल की परंपरा को जन्म दिया, जिसे आज पूरी दुनिया बेसब्री से देखती है.

27 साल बाद भी वही पहचान

करीब तीन दशक बाद भी गूगल का डिजाइन कई बार बदला है, लेकिन उसकी आत्मा वही है जो रूथ केदार ने दी थी. गूगल के 27वें जन्मदिन पर यह दिन सिर्फ टेक्नोलॉजी के जश्न का नहीं, बल्कि उस डिजाइनर को याद करने का भी है, जिसने इंटरनेट के सबसे मशहूर दरवाजे गूगल होमपेज को पहचान दिलाई.

ये भी देखिए:

Google’s 27th Birthday: क्या था गूगल का असली नाम और कैसा था पहला LOGO? जानिए सबसे बड़े सर्च इंजन का पूरा इतिहास

Sachin Singh

Sachin Singh

सचिन सिंह 4 साल से मीडिया में अपनी सेवा दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ग्राउंड रिपोर्टिंग से लेकर न्यूज कंटेट राइटर के तौर पर काम किया है. वह टेक, ऑटो, एंटरटेनमेंट और इस्पोर्ट्स पर लिखने में रुची रखते हैं.

For Feedback - khabarpodcast19@gmail.com