कौन है म्यूजिशियन शेखर ज्योति गोस्वामी, जिन्हें जुबीन गर्ग की मौत केस में किया गया गिरफ्तार?

Sachin Singh
Written by: Sachin Singh

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Zubeen Garg Death Case: गुवाहाटी के पास जलुकबाड़ी स्थित उनके घर से स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मंगलवार को ड्रमर शेखर ज्योति गोस्वामी को गिरफ्तार किया है. वह सिंगापुर की उस विवादित यॉट ट्रिप में मौजूद थे, जिसे अब जुबीन गर्ग की मौत की जांच में अहम कड़ी माना जा रहा है.

शेखर ज्योति गोस्वामी कौन हैं?

शेखर ज्योति गोस्वामी पेशे से एक ड्रमर हैं. उनके इंस्टाग्राम बायो में उन्हें साउंड इंजीनियर, म्यूज़िक प्रोड्यूसर, एरेंजर, म्यूज़िशियन और कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर बताया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह लंबे समय से जुबीन गर्ग के बैंडमेट थे और निजी तौर पर भी उन्हें काफी करीब से जानते थे.

गोस्वामी, गर्ग के साथ सिंगापुर भी गए थे. अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, हालांकि अब तक उन पर औपचारिक आरोप तय नहीं किए गए हैं. SIT फिलहाल यह पता लगाने में जुटी है कि इस रहस्यमयी यॉट ट्रिप में आखिर क्या हुआ था.

जांच में नए मोड़

जुबीन गर्ग की मौत के बाद असम की SIT और CID टीम ने गुवाहाटी स्थित श्यामकानु महांता के घर पर छापा मारा. महांता नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक थे, जिसमें गर्ग को परफॉर्म करने के लिए बुलाया गया था.

इसी मामले में गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और आयोजक श्यामकानु महांता के खिलाफ राज्यभर के अलग-अलग थानों में कई FIR दर्ज की गई हैं. असम सरकार ने CID को इन सभी मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है.

जुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत

19 सितंबर को सिंगापुर में जुबीन गर्ग की मौत कथित तौर पर डूबने की घटना में हुई थी. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया और फिर गुवाहाटी एयरपोर्ट पर रविवार सुबह पहुंचा. गर्ग वहां नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के लिए गए थे.

इस घटना को लेकर असम पुलिस ने एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जांच को पूरा समर्थन देने की बात कही है. उन्होंने यहां तक कहा कि जरूरत पड़ने पर मामला CBI को भी सौंपा जा सकता है.

राज्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई

जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार मंगलवार को गुवाहाटी के बाहरी इलाके कामरकुची में किया गया. उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई. इस दौरान हजारों की संख्या में प्रशंसक और शुभचिंतक मौजूद थे.

अंतिम संस्कार में गर्ग की बहन पाल्मे बोर्थाकुर ने मुखाग्नि दी, जबकि उनकी पत्नी गरिमा सैकिया फूट-फूटकर रोती नजर आईं. पूरे असम ने अपने प्रिय ‘गोल्डी’ को आंसुओं और तालियों के साथ अलविदा कहा. उन्हें गन सैल्यूट के साथ राजकीय सम्मान दिया गया.

यह मामला सिर्फ एक कलाकार की मौत का नहीं, बल्कि असम की सांस्कृतिक धरोहर खोने का है. अब सबकी नजरें SIT की जांच पर टिकी हैं, जिससे यह राज खुल सके कि जुबीन गर्ग की मौत हादसा थी या साजिश.

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सचिन सिंह 4 साल से मीडिया में अपनी सेवा दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ग्राउंड रिपोर्टिंग से लेकर न्यूज कंटेट राइटर के तौर पर काम किया है. वह टेक, ऑटो, एंटरटेनमेंट और इस्पोर्ट्स पर लिखने में रुची रखते हैं.

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