IPS Amrit Jain UPSC Journey: UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा… यह सिर्फ एक एग्जाम नहीं, बल्कि लाखों युवाओं का सपना है. हर साल हजारों उम्मीदवार इस परीक्षा में किस्मत आजमाते हैं, लेकिन सफलता कुछ ही को मिलती है. ऐसे में अगर कोई इस कठिन परीक्षा को लगातार चार बार क्लियर कर दे, तो वह अपने आप में एक मिसाल बन जाता है. यह कहानी है IPS अमृत जैन की, जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के UPSC में लगातार सफलता पाकर इतिहास रच दिया.
इंजीनियरिंग से UPSC तक का सफर
अमृत जैन का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ. उनकी शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने NIT वारंगल से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की और फिर उच्च शिक्षा के लिए चेक टेक्निकल यूनिवर्सिटी, प्राग चले गए. पढ़ाई पूरी करने के बाद वे हैदराबाद में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगे. लेकिन उनके मन में कुछ और ही ख्वाब पल रहे थे और था देश की सेवा करने का. यही ख्वाब उन्हें UPSC की राह पर ले आया.
शुरुआती असफलताएं और सीख
अमृत ने पहली बार 2016 में सिविल सर्विसेज परीक्षा दी। तैयारी अधूरी थी और उन्होंने मान लिया कि परीक्षा केवल मल्टीपल-चॉइस सवालों तक सीमित होगी. नतीजा—पहली बार में असफलता.
2017 में दोबारा प्रयास किया, इस बार वह सिर्फ एक नंबर से पीछे रह गए.
यह झटका बड़ा था, लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने रणनीति बदली. बिना किसी कोचिंग के उन्होंने अपने अध्ययन का तरीका बदला और नियमित मॉक टेस्ट पर ध्यान केंद्रित किया.
मॉक टेस्ट से मिली धार
अमृत ने तैयारी के दौरान 140 से ज्यादा मॉक टेस्ट दिए। हर टेस्ट डेढ़ घंटे तक का होता। उनका मानना है कि यह मॉक टेस्ट ही उन्हें असली परीक्षा के माहौल से परिचित कराते रहे. वे हर प्रश्न को परीक्षा में कम से कम तीन बार पढ़ते, ताकि कोई गलती न हो. उन्होंने अपनी वैकल्पिक विषय (Optional Subject) के रूप में पॉलिटिकल साइंस चुना और पूरी मेहनत झोंक दी.
चार बार लगातार सफलता
- 2016 और 2017 की असफलताओं के बाद अमृत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
- 2018 – रिजर्व लिस्ट में जगह बनाकर इंडियन डिफेंस अकाउंट्स सर्विस में शामिल हुए.
- 2019 – 321वीं रैंक हासिल की.
- 2020 – शानदार प्रदर्शन करते हुए 96वीं रैंक पाई.
- 2021 – 179वीं रैंक हासिल की और एक बार फिर सफलता पाई.
- आज वे उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में ASP के पद पर कार्यरत हैं.
IAS का सपना अधूरा, लेकिन कोई पछतावा नहीं
हालाँकि अमृत जैन का सपना IAS अधिकारी बनने का था, लेकिन वे कहते हैं, ‘हर कोई IAS बनना चाहता है, लेकिन यह सभी के लिए संभव नहीं. सफलता सिर्फ पद से नहीं, बल्कि मेहनत और अनुशासन से मिलती है. अगर आप निरंतर अभ्यास करते हैं और हार मानने की बजाय सीखते हैं, तो जीवन में कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है.’
अमृत जैन की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो UPSC जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी कर रहा है. यह साबित करती है कि अनुशासन, निरंतर अभ्यास और आत्मविश्वास से कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है.
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