Hari Hara Veera Mallu X Review: कोहिनूर की खोज में औरंगज़ेब से टक्कर! पवन कल्याण की एंट्री पर थिएटर में बजी सीटी

Sachin Singh
Written by: Sachin Singh

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Hari Hara Veera Mallu X Review: पवन कल्याण की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘Hari Hara Veera Mallu: Part 1 – Sword vs Spirit’ आखिरकार बड़े पर्दे पर दस्तक दे चुकी है. सालों तक टलती रही शूटिंग, रिलीज़ की अनिश्चितता और फैंस के टूटते सब्र के बीच यह फिल्म अब थियेटरों में दर्शकों से सामना कर रही है.

इतिहास, एक्शन और फिक्शन की इस जबरदस्त मिक्स फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर भूचाल मच गया है, लेकिन क्या फिल्म उतनी ही शानदार निकली, जितना दावा किया गया था? आइए जानते हैं पूरे फिल्मी मसाले के साथ…

कहानी में है हीरो, हीरा और इतिहास का तड़का

फिल्म की कहानी 17वीं सदी की है, जहां पवन कल्याण ‘वीरा मल्लू’ के किरदार में नजर आते हैं एक बागी, एक योद्धा और एक मिशन वाला मसीहा. उसे मिलता है एक खतरनाक टास्क — मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के पास मौजूद कोहिनूर हीरा चुराने का. लेकिन कहानी यहीं नहीं रुकती. फिल्म में पंचमी (निधि अग्रवाल) की असली पहचान, औरंगज़ेब से पुराना बैकस्टोरी और वीरता की असली परिभाषा भी धीरे-धीरे सामने आती है.

पवन कल्याण की एंट्री पर सीटी-मुक्के, लेकिन…

फिल्म की शुरुआत जोरदार है. पवन कल्याण की दमदार एंट्री, ऐतिहासिक सेट्स और जोरदार बैकग्राउंड म्यूजिक सीधे आपकी नसों में रोमांच भर देता है. बॉबी देओल भी फिल्म में खलनायक के तौर पर एक दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हैं. MM कीरवानी का म्यूज़िक फिल्म की आत्मा है.

लेकिन स्क्रिप्ट फिसल गई तलवार की धार से

जहां पहली हाफ में कहानी दिलचस्प लगती है, वहीं दूसरी हाफ में फिल्म थोड़ी इमोशनल हो जाती है और टेम्पो नीचे आ जाता है. कुछ दर्शकों ने इसे दमदार बताया, वहीं कुछ ने इसे पुरानी स्टाइल की ओवरएक्टिंग कहकर ट्रोल कर दिया. कुछ समीक्षकों ने तो यहां तक कह दिया – ‘Disastrous dialogues, senseless screenplay, directionless direction, passionless Pawan Kalyan.’

 

‘कुश्ती फाइट’ बनी हाइलाइट

सोशल मीडिया साइट X पर एक यूजर ने फिल्म की एक कुश्ती फाइट को ‘तेलुगू सिनेमा की सबसे जबरदस्त फाइट्स में से एक’ बताया. लेकिन वही दर्शक यह भी कहते हैं कि फिल्म के अन्य हिस्सों में तालमेल और स्ट्रक्चर की कमी है.

क्या है फिल्म का Verdict?

‘हरी हरा वीरा मल्लू’ में दमदार स्टारकास्ट, भव्य सेट्स और एक दिलचस्प कहानी है लेकिन स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन की कमजोरी ने फिल्म की धार को कमजोर कर दिया. यह फिल्म पवन कल्याण के फैंस को खुश कर सकती है लेकिन आम दर्शकों के लिए यह मिक्स्ड रिएक्शन छोड़ रही है.

मुख्य कलाकार:

  • पवन कल्याण – वीरा मल्लू
  • बॉबी देओल – विलेन के रूप में धमाकेदार
  • निधि अग्रवाल, नरगिस फाखरी, नोरा फतेही और सत्यराज – सहायक भूमिकाओं में

पॉजिटिव्स:

  • पवन कल्याण की स्टार पावर
  • शानदार बैकग्राउंड स्कोर
  • ऐतिहासिक सेट्स और VFX

निगेटिव्स:

  • कमजोर स्क्रीनप्ले
  • बिखरी हुई कहानी
  • कुछ जगहों पर ओवरड्रामैटिक परफॉर्मेंस

⭐️⭐️⭐️ (3/5 स्टार)

कुल मिलाकर ‘हरी हरा वीरा मल्लू’ एक बड़ी फिल्म है, लेकिन पूरी तरह बड़ी हिट नहीं बन पाई है. इसमें कुछ ऐसे पल हैं जो आपको थियेटर में बांध कर रखेंगे, लेकिन कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां आप घड़ी देखने लगेंगे. यह फिल्म एक फैंस डीलाइट है, लेकिन मास ऑडियंस की कसौटी पर खरा उतरना बाकी है.

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सचिन सिंह 4 साल से मीडिया में अपनी सेवा दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ग्राउंड रिपोर्टिंग से लेकर न्यूज कंटेट राइटर के तौर पर काम किया है. वह टेक, ऑटो, एंटरटेनमेंट और इस्पोर्ट्स पर लिखने में रुची रखते हैं.

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