जब खेल नहीं रहा खेल… Squid Game 3 में जी-हुन ने झकझोर दी इंसानियत की नींव, पढ़ें फाइनल सीज़न का रिव्यू

Sachin Singh
Written by: Sachin Singh

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Squid Game Season 3 Review: हम घोड़े नहीं हैं… हम इंसान हैं! जी-हुन यानी प्लेयर 456 की ये चीख सिर्फ स्क्रीन से नहीं गूंजी, ये सीधे ज़मीर में चुभ गई. नेटफ्लिक्स की ब्लॉकबस्टर सीरीज़ Squid Game का तीसरा और आखिरी सीज़न आखिरकार रिलीज़ हो गया है और यकीन मानिए इसने शुरुआत से ही सांसें थामने वाली रफ्तार पकड़ ली है.

पिछले सीज़न की हार और अपने साथियों को खोने का दर्द जी-हुन के चेहरे पर साफ झलकता है. उस पर चढ़ा है survivor’s guilt का भारी बोझ और दिल में पल रही है एक ही कसम… इस बेरहम खेल को हमेशा के लिए खत्म करना है. लेकिन क्या अकेले एक इंसान उस सिस्टम को हिला सकता है जिसमें करोड़ों का खून खेला जा रहा है?

खेल और भी खतरनाक, इम्तहान और भी सख्त

सीज़न 3 में मौत के खेल और भी विकराल हो चुके हैं. मासूम बच्चों के खेल को जानलेवा चुनौती बना देना, Hwang Dong-hyuk की सबसे बड़ी मास्टरस्ट्रोक साबित होती है. रंग-बिरंगे कमरों में छुपम-छुपाई खेलते हुए जब कोई गिरता है तो खून से दीवारें सज जाती हैं। हर गेम एक सवाल छोड़ जाता है, क्या इंसानियत अब भी जिंदा है?

भरोसे का अंत और इंसान का इम्तहान

क्या अब भी तुम्हें इंसानों पर विश्वास है?… फ्रंट मैन के इस सवाल पर जी-हुन सिर्फ एक नज़रिया देता है और चुपचाप चल देता है. उस चुप्पी में हार, गुस्सा और एक आखिरी उम्मीद है कि शायद कोई तो सही फैसला करेगा.

दमदार अदाकारी, कैरेक्टर की गहराई

ली जंग-जे (Gi-hun) ने इस बार भी अपनी एक्टिंग से खेल की रूह को ज़िंदा रखा है. उनके साथ Lee Byung-hun और Wi Ha-jun ने भी अपनी भूमिकाओं को बेहतरीन तरीके से निभाया है. चाहे Jun-hee की मासूमियत हो या Geum-ja की धूर्त चालें, हर किरदार इस सीज़न को और दिलचस्प बनाता है.

भावनाओं और मोरल डिलेमा की लड़ाई

हर एपिसोड के साथ एक सवाल हमारे दिल में उतरता है — क्या बुरे लोग सच में जीतते हैं? क्या अच्छे लोग हमेशा खुद को दोषी मानकर जीते रहेंगे? और क्या इस खेल की असली जीत सिर्फ पैसों की है या खुद पर यकीन की?

Rating: 🌟🌟🌟🌟 (4/5 स्टार)

Squid Game Season 3 ना सिर्फ एक थ्रिलर है, बल्कि ये इंसानियत, नैतिकता और सिस्टम के खिलाफ एक चुपचाप बगावत भी है. ये सीज़न आखिर है, लेकिन कहानियां अब भी ज़िंदा हैं और शायद सबसे बड़ा खेल अब शुरू हुआ है.

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सचिन सिंह 4 साल से मीडिया में अपनी सेवा दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ग्राउंड रिपोर्टिंग से लेकर न्यूज कंटेट राइटर के तौर पर काम किया है. वह टेक, ऑटो, एंटरटेनमेंट और इस्पोर्ट्स पर लिखने में रुची रखते हैं.

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